सिविल सर्जन की रपट के अनुसार देश निष्कासन के पश्चात् पागल हो गये)
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इस गृहयुद्ध (८१ ई. पू.) में अनुदार दल की विजय हुई जिसके परिणामस्वरूप सीज़र देश निष्कासन से बाल-बाल बच गया।
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इस गृहयुद्ध (८१ ई. पू.) में अनुदार दल की विजय हुई जिसके परिणामस्वरूप सीज़र देश निष्कासन से बाल-बाल बच गया।
4.
(मरहठा, आयु 30 वर्ष, निवासी सातारा, आजीविका-“निरवारी; इन्हे तिरफली गाँव में गिरफ्तार किया गया और अपराधी घोषित करके मई 1867 में आजीवन देश निष्कासन की सजा दी गई।”)
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तसलीमा नसरीन के बंगाल और देश निष्कासन पर निर्णयकारी आंदोलन का न करना तथा मकबूल फिदा हुसैन जैसे चित्रकार का विदेशी नागरिकता लेना ऐसे प्रश्न हैं जो लेखक संगठनों के धार्मिक और सांप्रदायिक रुख को स्पष्ट कर देते हैं।